Gupt Rog Doctor in Patna | Gupt Rog Doctor in Bihar | Dr. Sunil Dubey Professional
3 weeks ago Services Patna 42 viewsLocation: Patna
Price: ₹200
यदि मुझे धात सिंड्रोम है तो मैं क्या करूँ? दरअसल, कई युवा इस सवाल को इंटरनेट पर सर्च कर अपना समाधान चाहते हैं। दरअसल, यह एक आम यौन समस्या है जो युवावस्था में 75 % लोगो में देखी जाती है। कुछ हद तक यौन हार्मोन का असमान्य स्राव और यौवन के दौरान शरीर में होने वाले परिवर्तन इस तथ्य के लिए जिम्मेदार हैं। टेस्टोस्टेरोन जो कि पुरुष का यौन हॉर्मोन है का स्तर ऊंचा होता है और उनकी कामुकता कम उम्र में ही शुरू हो जाती है। आम तौर पर, युवावस्था तक पहुंचने पर युवाओं की औसत आयु 13 वर्ष होती है। सामाजिक, शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, एवं मेडिकल व्यक्ति के यौन जीवन में अपना-अपना महत्व रखती है।
धात सिंड्रोम एक प्रकार का यौन रोग है जो आपको यौन स्राव से परेशान करता है। इस स्थिति में, एक युवा हमेशा शिकायत रहती है कि उसके पेशाब के माध्यम से, रात्रि स्राव आदि के दौरान वीर्य निकल रहा है। वह न तो हस्तमैथुन करता है और न ही यौन गतिविधियों में भाग लेता है, फिर भी उसके लिंग से वीर्य निकलता रहता है। मेडिकल साइंस में इस यौन रोग का कोई सटीक कारण का पता नहीं चल पाया है। यह एक अस्पष्ट यौन समस्या है जिसका कोई जैविक कारण नहीं है। पारंपरिक हिंदी अध्यात्म में वर्णित है कि वीर्य एक महत्वपूर्ण तरल पदार्थ है और संपूर्ण शरीर का निर्माण इसी से हुआ है। यह सोच पीड़ित व्यक्ति को और ज्यादा परेशान करती है और अपना अधिकांश समय यही सोचकर बीताता है, अब भविष्य में क्या होगा।
पुरुषो में होने वाले इस यौन समस्या को लोग अलग-अलग नामों से जानते हैं जैसे धातु सिंड्रोम, धातु रोग, धात रोग, स्पर्मेटोरिया, पेनाइल डिस्चार्ज आदि-आदि। जैसे कि हम जान चुके है कि इस यौन रोग का कारण अस्पष्ट है, परन्तु लक्षण स्पष्ट हैं जो लोगों को उनकी समस्या को पहचानने में मदद करता है। आज हम विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य से युवाओं में होने वाली इस यौन समस्या पर विस्तृत में चर्चा करेंगे। वर्तमान में, वह पटना के सर्वश्रेठ सेक्सोलॉजिस्ट डॉक्टर हैं जो दुबे क्लिनिक में सभी प्रकार के यौन रोगियों का इलाज करते हैं। उनके अनुसार धातु रोग के लक्षण इस प्रकार हैं:-
- धातु रोग के मरीजों को अन्य लोगो की तुलना में अधिक थकान महसूस होती है।
- इस प्रकार के लोग अधिकतर समय भविष्य को लेकर उदास रहते हैं।
- रोगी को भूख नहीं लगती तथा उसकी भूख कम हो जाती है।
- रोगी की शारीरिक शक्ति भी कम हो जाती है।
- यौन रोगी की याददाश्त कमजोर होने लगती है।
- रोगी की एकाग्रता में भी कमी होने लगती है।
- रोगी को कुछ अन्य अस्पष्ट दैहिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है जैसे कि उसे नींद नहीं आती और वह हमेशा बिस्तर पर लेते रहना चाहता है।
धात सिंड्रोम के दुष्प्रभाव बारे में:
- पेशाब करने के बाद वीर्य की हानि दिखाई देती है
- नियमित हस्तमैथुन की आवश्यकता
- बार-बार अत्यधिक मात्रा में यौन गतिविधियों में शामिल होना
- खराब एकाग्रता से याददाश्त कमजोर होती है
- चिंता और भय से पीड़ित होना
- घबराहट व मन में उलझन की स्थिति बना रहना।
- जल्दी थकान महसूस होना
- शारीरिक शक्ति की कमी
आयुर्वेद चिकित्सा में धात सिंड्रोम का सर्वोत्तम उपचार :
आज के समय में, भारत के नंबर 1 सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. सुनील दुबे का कहना है कि जो लोग धात सिंड्रोम यौन समस्या के शिकार हैं, उन्हें मानसिक, मनोवैज्ञानिक और मेडिकल स्तर पर सपोर्ट व यौन जीवन में सकारात्मक सोच की जरूरत होती है। यहां आयुर्वेद सबसे सुरक्षित औषधियों में से एक है जो मरीजों को चिकित्सा स्तर पर संपूर्ण समाधान प्रदान करती है।
मरीजों को चिंता-विरोधी दवा की आवश्यकता होती है जो अवसाद से निपटने में मदद कर सके। आयुर्वेदिक चिकित्सा व उपचार का कोई दुष्प्रभाव शरीर पर नहीं होता है और यह समस्या को प्राकृतिक रूप से ठीक करने में मदद करती है। यौन परामर्श इस यौन रोग का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसमें संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी सबसे उपयोगी है। यौन शिक्षा की कमी के कारण मरीज़ पारंपरिक रूप से अपनी समस्याओं का निर्धारण नहीं कर पाते हैं। यहां, यौन शिक्षा उन्हें सांस्कृतिक रूप से उपयुक्त परामर्श द्वारा समझने में मदद करती है।
डॉ. सुनील दुबे बिहार के सर्वश्रेष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट भी हैं, का कहना है कि इसके रोकथाम के लिए कुछ ऐसे आहार हैं जो यौन रोगी को इस समस्या से उबरने में मदद करते हैं। टमाटर, तरबूज और आम जैसे लाइकोपीन से भरपूर खाद्य पदार्थ रोगियों को स्वाभाविक रूप से धात सिंड्रोम को रोकने में मदद करते हैं। इसके अलावा, बायोटिन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे जामुन, लीवर फलियां, तेल, मछली और केला रोगियों के लिए सहायक होते हैं।
दुबे क्लिनिक में समस्त यौन व गुप्त रोगियों का इलाज:
दुबे क्लिनिक भारत का सबसे विश्वसनीय और अत्यधिक मांग वाला आयुर्वेद और सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक है जो पटना, बिहार में स्थित है। पूरे भारत वर्ष के यौन रोगी इस आयुर्वेदिक क्लिनिक को पसंद करते हैं एवं इलाज हेतु पटना आते हैं। यह क्लिनिक आयुर्वेद मेडिकेयर के तहत यौन रोगियों को संपूर्ण उपचार और दवा विशेषाधिकार प्रदान करता है।
इस क्लिनिक की खासियत इसकी स्वयं निर्मित आयुर्वेदिक दवा है जो 100% शुद्ध और प्राकृतिक है। सारी आयुर्वेदिक दवाएं यौन रोगियों के लिए यह रामबाण की तरह काम करती है। उपचार के एक निश्चित समय अवधि के दौरान यौन रोगी अपनी समस्याओं से पूरी तरह से उबर जाते हैं। इस क्लिनिक से अब तक भारत के 6 लाख से अधिक यौन रोगी लाभान्वित हो चुके हैं। आज के समय में, प्रतिदिन तीस से अधिक यौन रोगी इस क्लिनिक दवा का लाभ उठा रहे हैं।
दुबे क्लिनिक बिहार का पहला आयुर्वेद एवं सेक्सोलॉजी चिकित्सा विज्ञान क्लिनिक है जो राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सेवाएँ प्रदान करता आ रहा है। एक ओर जहां हमारे आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील दुबे भारत गौरव अवार्ड विजेता हैं जिनके पास अनुभव का सागर समाहित है, वहीं दूसरी ओर अनगिनत लोगों का विश्वास भी इससे जुड़ा है।
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